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23 May 2023 11:23 PM
तप मेरा टूट गया अब तो,
मैंने तेरी कामना है कर ली
21 May 2023 12:59 AM
ये रंज नहीं, अब अजीवित हूँ,
अभिमान मुझे अब इसका है,
कि तेरे यौवन-रस की गगरी भी,
मैंने पराग से, ख़ाली कर दी
21 May 2023 12:45 AM
तुम कुसुम सरोज सरोवर के,
मैं भोला मधुप हूँ बेचारा,
तुम कारागार बने मेरी,
तेरे कर्षण में मैं गया मारा
21 May 2023 12:43 AM
मेरे मन के राघव की-
सीता को छल, तू चल दी
21 May 2023 12:41 AM
मेरे एकांतवास को भंग किया,
तुमने अपना परिचय देकर
मेरे एकांतवास को भंग किया,
तुमने अपना परिचय देकर,
मेरे शांत अप्रवास को तोड़ने की
तुमने आज पहल कर दी;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।