Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (4)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

हम डर कर घबराकर जिंदगी जीते हैं।
फिर मैं कैसे कहूं कि तुम, नजरों से पीते हों। बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका

3 Dec 2022 05:03 PM

श्री रजक जी धन्यवाद

बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी

2 Dec 2022 07:49 PM

क्या आपने नजरो से पी है,अगर नही अब पीकर देखो इस गजल में।

Loading...