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2 Dec 2022 · 1 min read

पी रहा हूं मै नजरो से

पी रहा हूं मैं नजरो से,कही समा न बदल जाए।
झुकाओ न तुम नजरो को,कही रात न ढल जाय।।

लहराओ न दुपट्टा,कही हवा का रुख न बदल जाय।
ढक लो चेहरे को,तुम कही मेरी नियत न बदल जाय।।

फैलाओ न इन जुल्फों को,कही मौसम न बदल जाए।
बिन बदलो के आस्मां में,काली घटा में न बदल जाय।।

मत पिलाओ साकी मुझे कही जाम न टकरा जाए।
नशे में धुत होकर,कही मेरी साकी न घबरा जाए।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 389 Views
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