Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (5)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

मेरी व्याकुलता को नाम मिला, भूख का।
मांगते भूखे फकीर को , दुत्कार मिला,
ताना मिला ,
खाना नहीं।
पदशाह को मिली , रिश्वत की भेंट,
भर जेब,
भर पेट,
तो उसे भूख कहां?
हम जो सोचते हैं, वो रूप वाला जहां कहां??

7 Nov 2022 09:54 PM

अति उत्तम।

7 Nov 2022 10:03 PM

धन्यवाद श्रीमान 💐 🙏

आदरणीय मनोज जी बहुत ही मार्मिक रचना है।

7 Nov 2022 08:39 PM

बहुत बहुत धन्यवाद राकेश जी

Loading...