Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (6)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
24 Aug 2022 05:20 PM

थोड़ी रोशनी के लिए तन्हा फिरता रहा हूँ दरबदर
वो उजालो का अख़्ज घर का चिराग चुराकर गया 👌👌

🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹

सच लाजवाब अल्फाज़ हैं आपके। 👌👌👌👌👌👌👌👌🙏

बहोत बहोत शुक्रिया धन्यवाद आभार 🙏🙏🙏🌷🌷🌷

23 Aug 2022 06:03 PM

वह कौन है जो आपके रचना का तेवर ही बदल दिया,और आपको गजल का बादशाह बना दिया।😄👌🏻👌🏻बेहतरीन, लाजवाब, शानदार रचना👌🏻👌🏻💐💐🙏🏻🙏🏻

जी बहोत बहोत आपके अल्फाज़ो के लिए तहे ए दिल से शुक्रगुजार है आपके हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद आभार शुक्रिया 🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷

Loading...