Comments (5)
6 Jun 2022 11:59 PM
बेटियां तो कायनात की नायाब तोहफा है । पिता और पुत्री का नेह सागर से गहरा और अम्बर से अधिक विशाल है ।
सुन्दर सृजन हेतू बधाई ।
Anamika Singh
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4 Jun 2022 11:20 PM
मै आपकी कविता भगत सिंह जरूर पढूंगी ।
Anamika Singh
Author
4 Jun 2022 11:17 PM
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर आभार।
4 Jun 2022 11:08 PM
अतुलनीय रचना खास है पिता के लिये, आप मेरी कविता भगतसिंह जरूर पढ़े
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर। सादर प्रणाम।