व्यंग्य पूर्ण रचना! जिसमें राजनीति बदलने का सपना बेचने वाले ने ठीक वही काम किया जो पूर्ववर्ती करते रहे एवं जिन्हें अपदस्थ कर ये सत्ता पर काबिज हो गए! उनसे भी बद्तर स्थिति में है!पर झूठ बहुत सलीके से परोसने में नंबर दो पर हैं, पहले नंबर के लिए प्रयास रत्त हैं!
व्यंग्य पूर्ण रचना! जिसमें राजनीति बदलने का सपना बेचने वाले ने ठीक वही काम किया जो पूर्ववर्ती करते रहे एवं जिन्हें अपदस्थ कर ये सत्ता पर काबिज हो गए! उनसे भी बद्तर स्थिति में है!पर झूठ बहुत सलीके से परोसने में नंबर दो पर हैं, पहले नंबर के लिए प्रयास रत्त हैं!
जी सही कहा आपने, आपको सादर प्रणाम।