You must be logged in to post comments.
नज़र में रहते हो, मिलते नहीं क्यों ठीक से / ज़रा बैठो निहारें, आज हम नज़दीक से कभी तो बोलिये, वो बात जो दिल में छिपी / ज़रा सी दूरियाँ बढ़ने लगीं तारीक* से / ••• ____________ *तारीक — तम, अंधकारमय, अँधियारा।
नज़र में रहते हो, मिलते नहीं क्यों ठीक से / ज़रा बैठो निहारें, आज हम नज़दीक से कभी तो बोलिये, वो बात जो दिल में छिपी / ज़रा सी दूरियाँ बढ़ने लगीं तारीक* से / ••• ____________ *तारीक — तम, अंधकारमय, अँधियारा।