ऋषि जी, कलियुगी महाभारत नाम से रचित रचना अच्छी है किन्तु थोड़ी सी असहमति भी व्यक्त कर रहा हूं, जैसे चीर हरण में भीम, अर्जुन आदि तो मूकदर्शक बने हुए थे, सहायता तो कृष्ण कन्हैया ने अपन की थी, ऐसा ही आज तक प्रचलित है!
जी अपने सही कहा है, कान्हा ने चीर हरण के समय रक्षा की थी और अर्जुन और भीम ने बाद में दुःशासन और अन्य से बदला लिया था.. मेरा मतलब यहाँ पर उन सभी से है जो इस कलयुग में एक द्रौपदी रूपी स्त्री को नही मिल सकते, उसे न्याय नही मिलता ना चीर हरण के समय ना उसके बाद।
ऋषि जी, कलियुगी महाभारत नाम से रचित रचना अच्छी है किन्तु थोड़ी सी असहमति भी व्यक्त कर रहा हूं, जैसे चीर हरण में भीम, अर्जुन आदि तो मूकदर्शक बने हुए थे, सहायता तो कृष्ण कन्हैया ने अपन की थी, ऐसा ही आज तक प्रचलित है!
जी अपने सही कहा है, कान्हा ने चीर हरण के समय रक्षा की थी और अर्जुन और भीम ने बाद में दुःशासन और अन्य से बदला लिया था.. मेरा मतलब यहाँ पर उन सभी से है जो इस कलयुग में एक द्रौपदी रूपी स्त्री को नही मिल सकते, उसे न्याय नही मिलता ना चीर हरण के समय ना उसके बाद।