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छोटी कलम करती जुलम भाव बह्ते नरम नरम से घाव करते मगर गहरे दिल से निकल कर कसम से
एक अबोध बालक
यकीनन आपका इन्ही काव्यों के द्वारा सम्मान होगा Ray’s Gupta
कलम की ताकत का अनुमान क्या ही कोई लगाएगा ये तो मन के भावों को कोरे कागज पर कुछ पलो में उतार देती हैं
छोटी कलम करती जुलम
भाव बह्ते नरम नरम से
घाव करते मगर गहरे
दिल से निकल कर कसम से
एक अबोध बालक
यकीनन आपका इन्ही काव्यों के द्वारा सम्मान होगा
Ray’s Gupta
कलम की ताकत का अनुमान क्या ही कोई लगाएगा ये तो मन के भावों को कोरे कागज पर कुछ पलो में उतार देती हैं