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Comments (34)

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14 Oct 2022 08:35 PM

बहुत मार्मिक कहानी,दिल छू गई👌👏😥😌

17 May 2022 12:27 PM

बेहतरीन लेखन आदरणीय। मेरी कविता तुम्हीं हो पापा का अवलोकन कर अपना आशीर्वाद प्रदान करें।

31 Mar 2022 06:36 PM

बहुत सुंदर रचना की हैं। आखों से आसू आ गए

हृदयस्पर्शी रचना

परिस्थितियां इंसान को कितना विवश कर सकती हैं इसका उदाहरण मिलता है इस कहानी में। करुणा!! विवशता!! तृष्णा!! को दर्शाती कहानी है। प्रणाम?

14 Feb 2021 08:08 AM

बहुत ही सुंदर कहानी?। कृपया आप भी मेरी कविता ‘ मैं इश्कबाज़ नहीं ‘ का अवलोकन कर प्रतिक्रिया देने का कष्ट करें

17 Jan 2021 01:45 PM

मार्मिक

11 Jul 2020 07:38 PM

मार्मिक रचना ।

25 Dec 2020 10:32 PM

वासु जी आभार

29 Mar 2020 11:26 AM

मां के प्रति स्नेह स्वाभाविक है,और पुत्री के रूप में जो किया जा सकता है, वह किया ऐसा लिखा भी है! किन्तु यह सच है कि यदि परिजन सहयोग न करें तो फिर स्वयं को कुंठा होती है!मैंने यह अपने आप पर महसूस किया है!और मैं भी चाह कर भी वह सेवा करने में असमर्थ रहा हूँ, पर संतुष्ट हूं कि वह मृत्यु का वर्ण करते समय मेरे पास मेरी गोद में थी,और मैंने उन्हें अंतिम विदाई भी दी!आज शायद उन्हीं का आशीष है, जो उनके बाद भी मुझे उनका स्मरण होते ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं!ईश्वर आप पर पृत्रों की असीम कृपा करें।

19 Jun 2020 12:07 AM

आदरणीयJaikrishan जी मेरी कहानी को पसंद करने के लिए आभार।देरी के लिए क्षमा

28 Mar 2020 01:25 PM

????

19 Jun 2020 12:07 AM

आदरणीय घनश्याम शर्मा जी आभार।

25 Dec 2020 10:32 PM

शुक्रिया

Love you maa

25 Dec 2020 10:31 PM

नीलीश सिंह जी आभार

बहुत बढ़िया। लेकिन अंत सटीक नहीं लगा। टिप्पणी ठीक नहीं लगे तो माफी चाहता हूँ

19 Jun 2020 12:09 AM

आदरणीय मुकेश शर्मा जी आभार आपने जो कमी बताई है उस पर मैं ध्यान दूंगी।

1 Sep 2019 07:57 PM

Aansu aa gaye

मार्मिक रचना

बहुत ही मार्मिक चित्रण

7 Jul 2019 12:33 PM

painful

28 Apr 2019 11:33 PM

सुपर

15 Apr 2019 09:30 PM

Bahut achha

22 Mar 2019 09:52 AM

हृदयस्पर्शी रचना है !
आप कैसे अपनी रचना इतने लोगों तक पहुचाते हैं ।
आप हमारी रचना भी पढ़े । और आपको पसंद आए तो छोटा बालक समझकर मार्गदर्शित करें । हमे भी अपनी रचना सभी तक पहुचाना हैं ।
कृपया अपना सुझाव दें

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