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Comments (13)

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लेकिन यहां तो उल्टा हो रहा ,जो कुछ नही करती या चाय भी बनाना नही जानती उनको ही ठंड नही लगती।
कामकाजी को तो अब भी ठंड लगती और वो फालतू के फैशन में ज्यादा नहीं रहती।

वैसे आपने लेख के माध्यम से अच्छे विषय को उठाया है।

27 Nov 2021 04:55 PM

चाय ना बना ना आने से ये साबित नही होता की महिलाओ को अपने मन की नही करना चाहिए l
अगर आपको दिक्कत है उनके सर्दी की शादी मे कोट ना पहन से तो उनको चाय बनाना आता है य़ा नही आता है इस से आपका वास्ता कोई नही होना चाहिए

27 Nov 2021 05:33 PM

मुझे नही पता आपके इस प्रकार के विचार किसको देख कर बने है परंतु ये लेख मेने लिखा है और मैं अपने घर के सारे काम खुद ही करती हूँ और fashon मैं भी रहती हूँ और मुझे इसमे कोई गलत बात नही दिखती मैं भी कामकाजी महिला ही हूँ

सुन्दर वस्त्र और आभूषणों से सुसज्जित काया और मोहक रूप क्षणिक आकर्षण ही पैदा कर सकते हैं, लेकिन आंतरिक सुंदरता सामने वाले के मन को हमेशा के लिए वशीभूत कर लेती है।
जो लोग रूप पर टिके रह जाते हैं वे अपनी आंतरिक क्षमताओं की तलाश कर ही नहीं पाते। रूप उनके लिए ऐसा जाल बन जाता है जिसे तोड़ना आसान नहीं होता। इसके उलट शरीर से निर्विकार रहकर मन की ताकत पर एकाग्र रहने वाले लोग महानता की शिखर पर चढ़ जाते हैं। इसलिए ये कहना कदापि उचित नहीं होगा कि ठंढी में कोट या शाल लपेट लेने से तन की सुंदरता घट जाएगी।
पुरानी फिल्मों में वैजयंतीमाला और मीना कुमारी जैसी अभिनेत्रियों वाली फ़िल्मों को देखो। क्या कोट और शाल लपेटे उनकी सुन्दरता कम लगती है क्या?

27 Nov 2021 05:24 PM

फिर आप लोग अपने घर की महिलाओ को सर्दियो मे सुबह जल्दी नही उठने देते होंगे l
ये कहा लिखा है की स्वास्थ तब ही खराब होता है जब महिलाये शादी मे कोट नही पहनती

27 Nov 2021 05:29 PM

मेरा साफ साफ कहना ये हैं की जब महिलाये सर्दी गर्मी की परवाह किये बिना काम काज करती है तब कोई कुछ नही कहता पर सर्दियो की शादी मे बराबर आलोचना होती है उनकी

27 Nov 2021 01:12 AM

बहुत सुंदर लेख,अपना मोबाइल नंबर जरुर लिखे।

27 Nov 2021 12:44 AM

nice

27 Nov 2021 12:45 AM

?

सत्य , सटीक ,और विचारणीय वचन

27 Nov 2021 12:02 AM

धन्यवाद?

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