Comments (5)
24 Nov 2021 07:31 PM
बहुत सुंदर ताज भाई, हमको तो पता ही नहीं चलता,हम तो हिंदी उर्दू को एक ही समझते हैं, बहुत ही अच्छी भाषा है। अनपढ़ लोग ही ऐंसा समझते होंगे।
Taj Mohammad
Author
25 Nov 2021 10:23 AM
Kaash aap jaise sab ho jaye to mera Hindustaan mujhse mil jaye.
उर्दू को एक मजहब से जोड़कर देखना सही नहीं है। उर्दू हिंदुस्ताँ की ज़ुबाँ है। बहुत से नामी-गिरामी उर्दू अदीब और दानिश-मंद हिंदू भी हुए और हैं ।
आबरू को सामां समझ तिजारत करने वाले , कभी अपनों की आबरू का भी सौदा
कर जाएगा ,
अपनों की लुट चुकी आबरू पर ज़िंदगी भर पछतायेगा ,
इधर उधर क्यूँ भटकता है , खुदा तो तेरी मां के अक्स में बसता है ,
बरकत तभी होती है , जब मां के कदमों में सज्दा होता है ,
श़ुक्रिया !
Ham aapko apna ustad maante hai bhai ji. Aap se bahut kuch seekh rahe hai. Shukriya bhai ji.
ज़र्रा- नवाज़ी का श़ुक्रिया !