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Comments (11)

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ख़ुशबू बहन बहुत ख़ूब लिखा है आपने। कुछ कहने गुस्ताख़ी कर रहा हूँ। ग़ौर फरमाईयेगा

कश्ती भी होगी खुद का,
(कश्ती भी होगी ख़ुद की)

महकेगा हर तरफ फूल उस दिन
(महकेंगे हर तरफ फूल उस दिन)

छाएगा गजब का शमाँ उस दिन
(छाएगा गजब का समाँ उस दिन)

19 Apr 2022 08:13 AM

हमारी त्रुटियों के तरफ हमारा ध्यान आकृष्ट करने के लिए हार्दिक धन्यवाद सर

आपका स्वागत है बहन

बहुत सुंदर

16 Nov 2021 08:58 AM

बहुत बहुत धन्यवाद आपका

बहुत बढ़िया रचना।हार्दिक बधाई

15 Nov 2021 08:03 PM

??

अति सुन्दर भाव

16 Nov 2021 09:01 AM

धन्यवाद sir

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