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30 Jan 2024 09:06 PM

प्रिया जी, क्षमा चाहता हूँ, विलंब से आभार व्यक्त कर रहा हूं! घरेलू कार्य से इस ओर समय नहीं दे पाया था!

1 Jan 2024 08:57 AM

अत्यंत सार्थक लेखन, प्रणाम सर..नमक का दारोगा पड़ते हुए आपकी कविता पर आने का अवसर मिला।

1 Nov 2021 09:56 AM

धन्यवाद चतुर्वेदी जी,सादर प्रणाम।

बहुत सुंदर सर नमस्कार। सही कहा आपने, लोगों की फितरत है, जिले पर नमक छिड़कने की।

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