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12 Sep 2021 10:26 AM
ये वो जख्म हैं जिसका कोई मरहम नहीं।और ऊपर से इसे खुजलाये जा रहे हैं।।जख्म जब तलक नासूर ना बन जाए खुजलायेंगे। इत्मीनान रखिये एक दिन शरीर से जुदा कर दिए जाएंगे।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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12 Sep 2021 11:14 AM
बहुत सही कहा आपने आदरणीय आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
एक समानता तो मैं खुद बता दूं पर आपको समझ आये तब न….
तालिबान:- औरतें सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए होती हैं।
संघ:- महिलाएं सिर्फ घर बार संभालें तो अच्छा।
बाकि शिशु मंदिर में कितना नफ़रत बोया गया है वो अब इन चार पांच सालों में सब को दिख रहा है।
पितृसत्तात्मकता विश्व के किस कोने में नहीं पाई जाती, एक देश का नाम बता सकते हैं आप? बाकी तालिबान निर्दोष औरतों बच्चों काफिरों के साथ अफगानिस्तान में जो कुकृत्य कर रहा है ऐसा दुनिया में सिर्फ शरिया के अंतर्गत ही हो सकता है, अगर आप इससे अनभिज्ञ हैं तो और जानकारी प्राप्त करें, सरेआम औरतों पर कोड़े बरसाना, पत्थर मारना, बेवजह सरेआम दुष्कर्म करना, जवान लड़कियों और बेवाओं की लिस्ट बनाकर अपने लड़ाकों से जबरन निकहा करवाना, यह तालिबानी अफगानिस्तान में अधिकृत पॉलिसी है। आप यजीदीयों के साथ हुए, कुर्दों के साथ हुए अत्याचार के बारे में भी पढ़ें, ज्यादा ना पढ़ सके तो कश्मीर में हुए कुकृत्य के बारे में ही पढ़ ले, बाकी यह भी पता कीजिए कि भारत के इतिहास में किस मंत्रिमंडल में सर्वाधिक महिलाएं शामिल हैं, जनाब थोड़ा सामान्य ज्ञान तो प्राप्त कीजिए। जवाब है-वर्तमान मंत्रिमंडल में। यह भी बताइए की कब कोई भारतीय जिहादी नारा लगाकर विस्फोटक बांध कर फट गया हो ?