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थाम लिया तेरा हाथ
थाम लिया तेरा हाथ बदल ना जाना कही
राहें बहुत पथरीली है मचल ना जाना कही
दूर दूर खामोश इन रास्तो मे
इधर उधर हो ना जाना कही
लम्बे बदलते मौषम के इस सफर मे
मजिल पहुंचते पहुंचते बिष्ठुर ना हो जाना कही
मुश्किल दौर इस राहें जहाँ मे
पराया समझ के बिछड़ ना जाना कही
डर लगता हैँ जुदाई के जिस परिदे से
वह परिंदा बनकर उड़ ना जाना कही
बस रहना इस दिल मे हमसफर बनकर
राहें मोहब्बत किसी की देखकर मुँह मोड़ ना लेना कही….
@देव

30 Aug 2021 09:55 PM

ज़िंदगी की हक़ीक़त से रूबरू कराती, एक महिला की ज़िंदगी में आनेवाली हर संभावित पहलू का वर्णन सहित उसके जीवन में आनेवाली खतरे की आहट देती सुंदर अभिव्यक्ति संग अति सुंदर सृजन। काबिले तारीफ़ !!! ??

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