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26 Aug 2021 09:59 AM

निज दुख गिरी सम रज कर जाना।
मित्रक दुख रज मेरु समाना।।
सुंदर भाव

26 Aug 2021 08:30 AM

वाह, क्या दोस्ती में दिल में दर्द भरा है, रचना में भावनाओं की खूबसूरती भरा है। दोस्तों का तो मानो जां ही निकाल लिया है। सचमुच शब्दों को खूबसूरत स्वरूप दिया है। बेहतरीन प्रस्तुति !??

26 Aug 2021 09:17 AM

फर्क लोगों कि समझ में है।
वरना दोस्ती मोहब्बत से कम नहीं

26 Aug 2021 09:56 AM

बिल्कुल सच ?

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