Comments (6)
18 Aug 2021 07:25 PM
करते करते खुद से मुलाक़ात, खुल गए आपके सारे ऐसे जज़्बात, जो खुद ही कह रहे सारे भावार्थ, सुंदर, सुसज्जित भावों से पंक्तियां इतनी हुई हैं चरितार्थ, कि यह रचना बन गई है लाज़वाब ! ऊपर से हृदय स्पर्शी की भी छोड़ गई है छाप ! सचमुच, बहुत ही बेजोड़ रचना बनाईं हैं आप ! आपको शुभकामना संग देता हूॅं बहुत धन्यवाद !!
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
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20 Aug 2021 05:21 PM
बहुत आभार इस सुंदर अंदाज में उत्साहवर्धन करने के लिए।
18 Aug 2021 09:24 AM
अतिसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति !
धन्यवाद !
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
Author
20 Aug 2021 05:18 PM
बहुत आभार आपका।
अनुपम सृजन
हार्दिक आभार