Comments (6)
20 Jun 2021 05:56 PM
अति सुंदर कृति ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
20 Jun 2021 07:59 PM
आपको सादर अभिवादन धन्यवाद
20 Jun 2021 05:49 PM
अति उत्तम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
20 Jun 2021 07:59 PM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद
बहुत खूब !
ग़ैरों के ग़रेबाँँ में झांकने वाले ,
अपने दाम़न के दाग़ों को देखते नहीं ,
करते आय़द जो इल्ज़ाम ग़ैरों पर बने मुंसिफ़ ,
खुद करें लाख जुर्म कभी मुजरिम बनते नहीं ,
श़ुक्रिया !
सही कहा आपने, आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर