Comments (7)
Jaikrishan Uniyal
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16 May 2021 09:45 PM
व्यासजी सादर अभिवादन!! हां यह त्रुटि रह गई है, अक्सर ऐसा हो जाता है, फिर भी सुधारने की कोशिश करुंगा!इंगित कराने के आभार प्रकट करता हूं।
Jaikrishan Uniyal
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16 May 2021 09:42 PM
धन्यवाद श्याम सुंदर जी सादर प्रणाम। मनोबल बढ़ाने के लिए आभार व्यक्त करता हूं!
Jaikrishan Uniyal
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16 May 2021 09:41 PM
धन्यवाद श्रीमान चतुर्वेदी जी सादर प्रणाम।
16 May 2021 07:54 PM
उनियाल जी प्रणाम,* लघु संख्या*कुछ त्रुटि लग रही है,” निन्यानबे के फेर में”मानव जीवन की संपूर्ण गाथा, हाथ कुछ नहीं आता, खाली हाथ ही जाता ,सुंदर ????
16 May 2021 07:45 PM
जीवन के कटु यथार्थचक्र की व्याख्यापूर्ण संदेशयुक्त अतिसुंदर प्रस्तुति !
धन्यवाद !
16 May 2021 06:37 PM
बहुत ही सटीक चित्रण किया है। उनियाल साहिब आपको सादर प्रणाम। सादर अभिवादन।
अति उत्तम