Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (10)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
4 May 2021 05:14 PM

जन भावनाएं तो यही होती है, किंतु उसको समझता कौन है! सादर प्रणाम।

आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर

4 May 2021 04:00 PM

“”जल्दी लेना चीन””
कुछ भाव समझ नहीं आया।
शेष सुंदर भाव।
प्रणाम।

चीन लेना मतलब पहचान लेना।अंधा बांटे रेवड़ी…

अच्छा लिखा है सर ।
प्रणाम

आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर

आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर

बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी सादर नमस्कार जी

आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर

Loading...