सुंदर सवाल
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर।
सर किसी भी नेता किसी भी पार्टी से कोई उम्मीद नही करनी चाहिए क्यों कि ये चाहते ही नही कि आम जनता तरक्की करे क्योकि अगर आम जनता ने तरक्की की तो जनता इनसे सबाल करेगी इनके काम पर प्रश्न करेगी।
कोरोना की दूसरी लहर में मरीज करना संक्रमण की गम्भीरता से कम सरकारी लापरवाही से ज्यादा मर रहा है। संसाधनों की कमी से ज्यादा मर रहा है। ऑक्सिजन नही, रेमदेसेवीर नही, डोक्सि सीयक्लिंन नही, अस्पतालों में बीएड नही, ऑक्सिजन कन्टेनर नही।
वर्तमान सरकार हर समस्या पर हाथ खड़ा कर देती है सिवाय लम्बी चौड़ी बात करने के।
प्रदूषण आम जनता करती है ।
चोरी-गुंडई आम जनता करती है।
शहरों की समस्या आम जनता ने बड़ाई है।
बेरोजगारी आम जनता ने जनसंख्या बड़ा कर बड़ाई है।
महंगाई आम जनता ने मांग बड़ा दी है इसलिए।
सरकार हर मुद्दे पर हाथ खड़े कर देती है, फिर सरकार से पूछो सरकार हमारे टैक्स का क्या करती है, हम क्यों उनको टैक्स दे, जब हर चीज का इन्तजाम आम जनता को खुद ही करना।
सड़क पर चलने का टॉल टैक्स।
हर सामान की खरीद पर GST ।
इसलिए ममता हो या मोदी या फिर राहुल या केजरीवाल , सब के सब भिन्न भिन्न प्रकार की जोक है जो आम आदमी को केवल चुसती है ,सपने दिखाकर और जलेवी जैसी बातें बनाकर।
बहुत सही बोलो हो श्रीमान । पूर्ण सहमत हूँ आपकी विचार शैली से ।
आपको सादर अभिवादन धन्यवाद सर
नेताओं के लिए कोई सवाल नही । और ना ही वो जनता के सवालों के उत्तर देने की जिम्मेवारी समझते। अगर ऐसा होता तो इनके चुनाव के एजेंडा से भारत अमेरिका से आगे होता ।
जो अपने खुद के लिखे अजेंडा को झुठला देते है ,वो जनता के सवालों का जवाव क्या देंगे..?
और अभी समय ममता दीदी से कम मोदी जी से पूछने का ज्यादा है कि पिछले एक साल में आपने देश की जनता को कोरोना से बचने के लिए क्या सुरक्षा उपलब्ध कराई है या फिर यही सीखा है कि बोल देना हमारी जिम्मेवारी नही राज्य की जिम्मेवारी है।
नैतिकता के आधार पर इनको इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि जहाँ एक तरफ बंगाल की जनता ने प्रधन्मन्त्री ,गृहमंत्री,और अन्य केबिनेट मंत्रियों के वादों पर अविस्वास जताया है वहीं कोरोना में हो रही मौतों का जिम्मेवारी भी इनको लेनी चाहिए क्योंकि ये प्रभु श्री राम को पूजते है और श्री राम ने नैतिकता का आधार पर पहले राजसिंहासन त्यागा फिर स्वयं की पत्नी सीता को त्यागा।
राजनीति में नैतिकता? आपको ढूंढने से भी नहीं मिलेगी। लिखते रहें शायद कभी इनके अंतस जागें। आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर।