Comments (6)
3 May 2021 10:01 AM
सुंदर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
3 May 2021 10:06 AM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
3 May 2021 07:36 AM
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका सब कुछ ईश्वर के अधीन है धन्यवाद आपका जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
3 May 2021 08:11 AM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर
सर फूलों को कबूल करने बहुत आसान है सूलों को नही।
और कोई भगवान नही होता ये सब केवल आस्था और विवशता है।
अगर भगवान होता तो सायद लोग सायद इस तरह तड़फ तड़फ कर नही मर रहे होते ।
सर आशा और विश्वास ही ईश्वर है, शायद मानवता इसी श्रद्धा से नैतिक गुण आचरण कर रही है, यही भगवान है। आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर।