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25 Apr 2021 11:07 AM

वाकई ईश्वर प्रकृति में विराजमान है

13 Oct 2021 06:45 PM

कम से आपने तो पढ़ा, और आपने कुछ समझा भी है। धन्यवाद आपका जी

24 Apr 2021 10:02 PM

जो वर्तमान में है वह चाहे मानव निर्मित है या फिर ईश्वरीय प्रकोप, लेकिन विफलता तो उनकी है जो सत्ता में रहते हुए भी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं!सादर अभिवादन श्रीमान रजक साहेब।

25 Apr 2021 08:35 AM

बहुत बहुत आभार आपका जी

हां यह सही है कि इंसान अपना विकास प्रकृति को नष्ट करके कर रहा है किंतु इस्वर एक ऐसी पहेली है जिसे कोई नही सुलझा सकता क्योंकि इस्वर वेवशो एयर असहायों के दुख दर्द को भी नही जानता और अमीरों और अत्याचारियों के अत्याचार को भी ।

हां इससे इन्कार नहीं किया जा सकता है। आपको सादर नमस्कार

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