Comments (5)
6 Mar 2021 07:02 PM
ये माना मेरी जाँ मोहब्ब़त सज़ा है ,
मज़ा इसमें इतना मगर किस लिए है ,
ये जो बेक़रारी अभी तक इधर थी ,
वो ही बेक़रारी उधर किस लिए है ,
बदलना ना जाने बहलना ना जाने ,
तम़न्ना मचल के संभलना ना जाने ,
क़रीब तो आओ कदम तो बढ़ाओ ,
झुका दूं ना सर मैं तो ये सर किस लिए है ,
श़ुक्रिया !
Surinder blackpen
Author
7 Mar 2021 01:06 PM
Absolutely right
6 Mar 2021 04:23 PM
मेरा विनम्र निवेदन जरूर पढे़ ??
Surinder blackpen
Author
7 Mar 2021 01:05 PM
Thnx g
बहुत सुंदर आपको सादर अभिवादन