Comments (6)
2 Mar 2021 09:51 AM
राजेश जी यह संयोग ही है कि श्रीमान चतुर्वेदी जी ने एवं आपने पेड़ों के अंधाधुंध दोहन पर तथा जल संकट पर अपनी चिंता इन पंक्तियों के माध्यम से व्यक्त की है, लेकिन शासन प्रशासन को सिर्फ राजस्व उगाही के साधन चाहिए, जिसके लिए उनका यह खेल जारी है, अभी आजकल में हमें पुनः नदी बचाओ अभियान शुरु करना पड रहा है क्योंकि प्रशासन ने नदी के उस तट को फिर से खोलने का निश्चय किया है जिसे आंदोलन के उपरांत बंद कर दिया गया था! इस तरह से जन सरोकारों की चिंता सरकारें नहीं कर रही हैं,सब कुछ जनता के भरोसे पर छोड़ दिया जा रहा है, यह विडंबना झेलनी पड़ रही है! आपकी चिंता से स्वयं को संबंध कर रहा हूं।
Rajesh vyas
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2 Mar 2021 11:24 AM
प्रणाम आदरणीय।
Rajesh vyas
Author
2 Mar 2021 09:28 AM
प्रणाम आदरणीय धन्यवाद।
2 Mar 2021 08:45 AM
बहुत सुंदर सर
जल ही जीवन है ??
प्रणाम आभार।