Comments (6)
23 Feb 2021 09:25 AM
आदरणीय पिछले तीन-चार दिनों से पटल से दूर रहे कोई कारण प्रणाम नमस्कार!
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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23 Feb 2021 11:35 AM
आदरणीय आपको सादर नमस्कार, नर्मदा पुराण चल रहा था।
23 Feb 2021 08:28 AM
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
23 Feb 2021 11:34 AM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर
सहिष्णुता का भाव प्यार प्रेम से ही प्रतीत होता है! इस के लिए संवाद की आवश्यकता भी नहीं है यह व्यवहार से परिभाषित हो जाया करता है, बेजुबान जानवर भी प्रेम प्यार को जानते समझते हैं और प्रकटिकरण भी करते हैं। यह शब्दों का मोहताज नहीं है।
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर