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7 Feb 2021 05:20 PM

बहुत बढ़िया ?

आपको सादर प्रणाम धन्यवाद

बहुत सुंदर रचना धन्यवाद सर

आपको सादर प्रणाम

7 Feb 2021 01:19 PM

मैं लहर तुम समुंदर हो! यह घटना क्रम जीवन में भी है जो परमात्मा से आकर कुछ एक पल जी ने के उपरांत उसी में समा जाता है! प्रणाम श्रीमान चतुर्वेदी जी।

सही बात है आपको सादर प्रणाम

बहुत सुंदर

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