Comments (7)
7 Feb 2021 04:47 PM
बहुत सुंदर रचना धन्यवाद सर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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8 Feb 2021 09:09 AM
आपको सादर प्रणाम
7 Feb 2021 01:19 PM
मैं लहर तुम समुंदर हो! यह घटना क्रम जीवन में भी है जो परमात्मा से आकर कुछ एक पल जी ने के उपरांत उसी में समा जाता है! प्रणाम श्रीमान चतुर्वेदी जी।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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8 Feb 2021 09:09 AM
सही बात है आपको सादर प्रणाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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7 Feb 2021 10:31 AM
बहुत सुंदर
बहुत बढ़िया ?
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद