Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (3)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
1 Feb 2021 05:04 PM

प्रेम की सुंदर परिभाषा! मेरी प्रविष्टि **लिखे थे खत हमने हजार** का अवलोकन कर अपना वोट देकर अनुग्रहित करें। धन्यवाद!

प्रेम गली अति सांकरी,जामें दो न समाय। बहुत सुंदर

बेहतरीन रचना … मैं आप को वोट कर चुका हूँ। कृप्या अगर संभव हो सके तो आप भी मेरी “प्यार के बोल” पर वोट अवश्य कीजियेगा। धन्यवाद

Loading...