धन्यवाद श्रीमान राजेश व्यास जी।
हां मैंने आपके लेख को पढ़ लिया है! आपसे कुछ बातों से असहमत हूं, एक तो विपक्ष इस लायक नहीं है जो किसान उसे तवज्जो देगा,दूसरा सरकार ने उन्हें जो सब्ज बाग चुनाव से पहले दिखाए थे उनसे पीछे हट गई है,तीसरा सरकार ने जवानों को वन रैंक वन पेंशन योजना देकर इन्हें भी एक सपना पालने के लिए छोड़ दिया था,चौथा, सरकार जो कानून लाई है उससे किसान का नुक़सान और उधोग घरानों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है, पांचवां सरकार ने इनके आंदोलन को भटकाने के लिए चालें चलने का काम करके रहा सहा भरोसा भी खो दिया, तो अब पहले भरोसा कायम करके समाधान निकालने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए! ऐसा मेरा मानना है बाकी भूल चूक के क्षमा चाहूंगा सादर अभिवादन।
किसान और शासन में सामंजस्य बने!
सुंदर प्रस्तुति के लिए धन्यवाद !
धन्यवाद श्रीमान चतुर्वेदी जी सादर प्रणाम।
सही कहा आपने आपको सादर प्रणाम।
इस विषय में मेरी राय अलग है , लगता है मेरी स्वतंत्र विचारधारा से मंच के नियमों का उल्लंघन हुआ है। जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं । मेरा उद्देश्य अपने स्वतंत्र विचार प्रस्तुत करना मात्र है किसी व्यक्ति विशेष या समूह विशेष द्वारा प्रस्तुत विचारों में अंतर्निहित भावनाओं को आहत करना नहीं है। भविष्य में मै किसी भी विवादित विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करने का दुस्साहस नहीं करूंगा ! आपका अकिंंचन हिंदी साहित्य सेवक , श्यामसुंदर सुब्रमण्यन्