Comments (6)
Jaikrishan Uniyal
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18 Jan 2021 09:38 PM
धन्यवाद श्रीमान राजेश व्यास जी, आपने वह कमी पूरी कर दी, जो मुझसे रह गई थी,सादर धन्यवाद एवं आभार।
Jaikrishan Uniyal
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18 Jan 2021 09:37 PM
धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, आभार।
18 Jan 2021 07:37 PM
कटु यथार्थ की सुंदर प्रस्तुति !
धन्यवाद !
18 Jan 2021 04:35 PM
आदरणीय आपकी रचना अमीरी – गरीबी का दर्शन कराती,
मानवता के लिए सुंदर संदेश है ।
मेरे भाव कुछ यो है —-
धन के अंधे ,सुन ले बंधे,काम न कर तू गंधे रे। कुछ दिन की यह काया मिली है।,
छोड़ दे गोरख धंधे रे,
प्रेम से जीता जा ,हरि को भजता जा ।।
**निर्धन को न भूले,**
धन्यवाद महोदय!!!
18 Jan 2021 04:08 PM
बहुत सुंदर सर नमस्कार
धन्यवाद श्रीमान चतुर्वेदी जी सादर प्रणाम, एवं आभार।