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13 Jan 2021 07:13 PM
दरअसल हमारे देश में एक ही लाठी से सभी को हाँँक देने की परिपाटी हो गई। किसी वर्ग विशेष को बिना सोचे समझे भ्रष्ट करार दिया जाता है। बिना किसी पदासीन व्यक्ति विशेष का आकलन किए , जो केवल कही सुनी बातों पर आधारित रहता है । आजकल सोशल मीडिया में इस प्रकार का प्रचार जोरों से होता है , लोगों में भीड़ की सोच हावी हो गई है , और व्यक्तिगत सोच का अभाव हो गया है ।
धन्यवाद !
धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, आपने संज्ञान लिया आभारी हूं! मेरी शिकायत यह है कि बहन जी अध्यापिका हैं और उन्हें उनके कार्य क्षेत्र के प्रधान से समस्या रहती हो, जिसके लिए प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाएं, या उचित फोरम में शिकायत दर्ज कराएं, ना कि उस पद को लांछित करके उपहास का पात्र बनाएं, और यदि सुधार करने के लिए ज्यादा जरूरी समझते हैं तो प्रधान पद के लिए चुनाव लड ही लें,तब देखें कि उनके द्वारा व्यक्त की गई रचना में की गई टिप्पणी कितनी सार्थक एवं प्रासंगिक हैं!सादर प्रणाम।