Comments (4)
13 Jan 2021 10:37 AM
वाह! बहुत सुन्दर रचना मन मोहन जी..शुभकामनाएँ ?? मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?
13 Jan 2021 08:43 AM
अत्यन्त प्रभावशाली एवं सन्देशपूर्ण रचना, मनमोहन जी..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना “, जो कि काव्य प्रतियोगिता मेँ भाग ले रही है, पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..! साभार..!???
13 Jan 2021 07:41 AM
जीवन की क्षणःभंगुरता को व्यक्त करती हुई सुंदर प्रस्तुति !
धन्यवाद !
मनुष्य को उसके अहंकार से सावधान करने में उपयोगी रचना है।