Comments (5)
8 Jan 2021 10:17 PM
अत्यन्त प्रभावशाली एवं सन्देशपूर्ण रचना, कुमार सँदीप जी..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना “, जो कि काव्य प्रतियोगिता मेँ भाग ले रही है, पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..! साभार..!???
8 Jan 2021 08:29 PM
वाह वाह! बहुत सुन्दर लेख कुमार संदीप जी..शुभकामनाएँ ?? मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?
किसान के प्रति समर्पित भावनाएं आपके जज्बे को व्यक्त करती हैं, किसान को हम जैसे कलम घिसू और कुछ नहीं दे सकते तो उनके प्रति सम्मान प्रकट कर ही सकते हैं! शुभकामनाएं।
अशेष आभार सर।सादर प्रणाम