धन्यवाद प्रशांत जी, आपके सहृदयता को नमन! जो एक वर्ष पूर्व तक एक पार्टी का अध्यक्ष, चुनाव में सरकार बनाने का दावेदार, रहा हो, उसके राजनीतिक क्रियाकलापों पर चर्चा व आलोचना की जा सकती है, किन्तु उसे नकारा, निठल्ला, अयोग्य घोषित करने का दुष्चक्र बहुत ही ढीट और दबंगई से किया जाता है तो, थोड़ा सा बुरा भी लगता है! बाकी बिन मांगी सलाह देने वालों में मैं भी सुमार हो रहा हूं!बल प्रदान करने के लिए आभार।
धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, आपकी पारखी नजरों ने सराहा आभार व्यक्त करता हूं! सादर अभिवादन।
अतिसुंदर व्यंगपूर्ण प्रस्तुति !
धन्यवाद !
धन्यवाद प्रशांत जी! मुझे इस तरह उसके निजी जीवन में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है किन्तु समय-समय पर उसके लिए कुछ मित्रों की टिप्पणी अनुचित और अप्रसांगिक लगती रही है, उसकी छिछालेदर से आहत होकर मैंने लिखा है जो उस तक पहुंच भी नहीं सकता, फिर भी अपने संतोष के लिए लिख डाला! सादर शुभकामनाएं।
सर मेरा मानना है कि विवाह किसी का निजी फैसला है और योग्यता के आधार पर सामाजिक दायित्व जरूर निजी के साथ साथ सामाजिक हो सकता है , फिर आपने अपने स्तर से और अपने स्वयं के एवं सामाजिक अनुभव से जो सलाह प्रस्तुत की है, चाहे उसे प्राप्त हो या ना हो और चाहे उसे भली लगे या ना लगे किन्तु आपने स्वक्ष मन से उज्ज्वल भविष्य की कामना हेतु अपने दिल के विचार प्रस्तुत किए हैं जिनका अन्यथा कोई तातपर्य ही नही है और जो प्रशंसनीय है ।
धन्यवाद श्रीमान चतुर्वेदी जी सादर प्रणाम! आपकी दृष्टि से यह संदेश प्रभावी है तो भी यह सिर्फ एक कोरी कल्पना तक ही सीमित है!
डाक्टर साहब! आपकी प्रशंसा के लिए आभार! आपकी रचना को पढ कर अपने मताधिकार का उपयोग कर चुका हूं! सादर शुभकामनाएं!
अच्छी सलाह है के लिए
बहुत सुंदर, सही सटीक सलाह दी। उनियाल साहिब को सादर प्रणाम धन्यवाद सर।
अत्यन्त प्रभावशाली एवं सन्देशपूर्ण,Uniyaal ji .! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..! साभार..!
राजनीति करने वाले का जीवन खुली किताब कि तरह था जो आए पढ कर जाए।
लेकिन अब रफ कापी बन गई है।