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Comments (10)

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लोकतंत्र की सफलता ही विरोधी को सम्मान देना है ।

5 Jan 2021 10:22 AM

राजेश जी आपकी रचना पढ ली गई है और अपने वोट का उपयोग कर चुका हूं, आपकी सफलता की कामना करता हूं! आपके द्वारा मेरे विचारों को बल प्रदान किया गया है उसके लिए आभार प्रकट करता हूं!

5 Jan 2021 12:16 PM

धन्यवाद सर जी आप भी पढ़ते रहें मैं भी पढ़ता रहूं ऐसे ही आगे बढ़ते रहें!!

5 Jan 2021 10:18 AM

श्रीमान चतुर्वेदी जी सादर प्रणाम, आपके द्वारा दिए गए विचार प्ररेणा दायक होते हैं, अपने उद्गार व्यक्त करते रहिएगा!

4 Jan 2021 09:48 PM

आपकी कविता में छुपे हर भाव सार्थक है उनियाल जी,क्योंकि विरोधी अवरोधक नहीं हमारी त्रुटियों को बताकर हमारा पथ ही मजबूत करता है! बधाई ! आदरणीय हमारी रचना * नाम मिला जिसे कोराना*प्रतियोगिता में है आप अवलोकन करे आप को लगे की वोट करना चाहिए तो अवश्य वोट करे।धन्यवाद।

बहुत सुंदर सर नमस्कार धन्यवाद

4 Jan 2021 02:28 PM

रस्तोगी जी,आप स्वयं डॉ भी हैं और रचना धर्मी भी, आपकी रचना प्रासंगिक है और बहुत से पाढक इसे अपनी सहमति दे चुके है, मुझे भी शामिल होने पर प्रशंता हुई है,सादर प्रणाम!

4 Jan 2021 02:25 PM

वैशाली जी आपने सराहा धन्यवाद, मैं आपकी रचना को वोट कर चुका हूं, आपकी रचना को पुरस्कृत किया जाए ऐसी शुभकामनाएं करता हूं!

4 Jan 2021 01:22 PM

बहुत सुन्दर रचना आदरणीय जयकृष्णन जी.. नव वर्ष की शुभकामनाएँ ?? मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?

अत्यन्त प्रभावी प्रस्तुति, उनियाल जी..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???

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