Comments (5)
4 Jan 2021 10:11 AM
लक्ष्य लेकर चल पड़ा जो जीत उसको मिल गई
जीवन बनेगा महकता ओपन खुशियां मानो सब मिल गई।। धन्यवाद!
Krishna Srivastava
Author
4 Jan 2021 06:43 PM
सादर धन्यवाद
बहुत सुन्दर रचना कृष्णा जी.. नव वर्ष की शुभकामनाएँ ?? मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?
सादर आभार आपका, हार्दिक शुभकामनाएं
आपको वोट कर दिया पहले ही आदरणीया