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अत्यन्त प्रभावी प्रस्तुति, आदरणीय अजय जी..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी ग़ज़ल “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” जो कि काव्य प्रतियोगिता मेँ शामिल है, पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???

उनसे मिले एक अरसा हुआ ज़रूर।
पर यूं लगता है कि वो कहीं आसपास है।
बहुत खूबसूरत।

29 Dec 2020 02:25 PM

वाह बहुत सुन्दर रचना है आपकी ??कृप्या मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?

बहुत सुंदर सर

अति उत्तम गज़ल रचना। ??
आदरणीय मेरी कविता का अवलोकन करने की कृपा करें। अगर अच्छी लगे तो वोट जरूर करें।
आपका अनुज चन्दन कुमार ‘मानवधर्मी’ ??

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