Comments (4)
28 Dec 2020 11:33 AM
सत्ता और वोट के चक्कर में!
यह यथार्थ परक उक्ति है, और दोनों ओर से होती आई है, लेकिन शासन में बैठे हुए लोगों पर ही जिम्मेदारी होती है, उन्हें सबको भरोसे में लेकर आगे कदम बढ़ाने से लाभ ही होगा!
पुराने बुजुर्ग कहा करते थे:-
मिलजुल कर किजै काज,
हारें जीतें ना होती लाज!
सादर अभिवादन श्रीमान चतुर्वेदी जी!
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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28 Dec 2020 11:48 AM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
विपक्ष का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि वे अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए जनता को शासन विरुद्ध बरगलाने के नित नए तरीके खोज रहे है।
संसद में उनकी कमजोर स्थिति होने से सड़क पर आकर राजनीति करने के लिए बाध्य हो चुके हैं। वो यह भूल गए हैं कि इस प्रकार के प्रयासों से अपनी छवि और धूमिल कर रहे हैं।
जनता को बेवकूफ बनाकर अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश में लगे हैं ।
धन्यवाद !
सही बात है सर। आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर।