Comments (9)
26 Dec 2020 10:43 AM
बहुत सुंदर रचना बहुत-बहुत धन्यवाद
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
26 Dec 2020 01:15 PM
आपको सादर अभिवादन धन्यवाद सर
26 Dec 2020 10:14 AM
यथार्थ की संदेशपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
26 Dec 2020 01:01 PM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
26 Dec 2020 08:13 AM
Vr nice sir
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
26 Dec 2020 08:35 AM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद
श्रीमान चतुर्वेदी जी सादर अभिवादन के साथ आपकी आंदोलनों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण से असहमत रखते हुए निवेदन करता हूं विपक्ष का काम सरकार का आंखमूंद कर साथ देना तो कतई नहीं है,रही बात आंदोलन में शामिल लोगों की तो यदि किसी को यह महसूस होता है कि इससे उन्हें क्षति उठानी पड़ेगी तो संविधान में यह व्यवस्था निर्धारित है,व्यक्तिगत रूप से कोई भी सहमत/असहमत होने का अधिकार रखता है,क्षमा चाहते हुए!
मैं भी आपकी बात से सहमत हूं, सहमति असहमति लोकतंत्र की मजबूती खूबसूरती है, लेकिन वाजिब होंना चाहिए, मुक्त व्यापार से किसानों को क्या नुकसान है? कांट्रैक्ट फार्मिंग किसानों की मर
जी पर है,शायद मंडी के व्यापारी दलालों के खेल से आप अनविज्ञ हैं , कैसे एक हो जाते हैं,वोली अपनी मर्जी से अधिक बढ़ने ही नहीं देते।रही बात न्यूनतम मूल्य, सरकार ने कहां खतम किया है? श्रीमान जी ये सही लोग हैं जो जिंदगी से किसानों को खा रहे हैं।रही आंदोलनों की बात , आंदोलन पब्लिक नहीं, स्वार्थी तत्वों द्वारा हाईजैक हो रहे हैं,मैं भी किसान हूं, राजधानी में रह रहा हूं,बर्षों से ये खेल देख रहा हूं। क्षमा करें श्री मान राजनीति का स्तर बहुत गिर गया है, सरकार बार बार बुला रही है ये अपनी परेशानी क्यों नहीं बता रहे।बस कानून रद करो, अरे भाई संसद से बहुमत से पास होता है, क्या व्यवस्था खराब करना चाहते हैं?
सही को बही पढ़ें