Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (6)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

दिल की अगन बुझाए नहीं बुझती ,
नैनों की प्यास लड़ाए नहीं बुझती ,

श़ुक्रिया !

21 Dec 2020 07:16 PM

प्यासे दिल की प्यास बुझाए।दिल से गर दिल मिल जाए।।
धन्यवाद सर!!

बहुत सुंदर भाव है। आपको सादर नमस्कार।

21 Dec 2020 09:58 AM

धन्यवाद सर जी!!

आदरणीय थोड़ा समय निकालकर मेरी रचना को भी वोट देने की कृपा करें…

21 Dec 2020 09:15 AM

आदरणीय अभी मेरी ईमेल आईडी से वोटिंग नहीं हो पा रही है जैसे ही होगा दिया जाएगा!! धन्यवाद!!

Loading...