धन्यवाद रश्मी जी! मनोबल बढ़ाने के लिए आभार!
धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, आपने वर्तमान परिवेश को परिभाषित करने में वह सब कुछ कह दिया जिसने जन सरोकारों को नेपथ्य में धकेल दिया है, और वहां से निकाल कर लाने के लिए किसी दूसरे जन नायक की आवश्यकता है, जो अभी अपनी सक्रियता को सामने लाने में समय की प्रतिक्षा कर रहा है शायद?
मजबूत विपक्ष के अभाव में वर्तमान सरकार निरंकुश हो गई है । सत्ता में स्थिर रहने के लिए संख्याओं का खेल राजनैतिक प्राथमिकता हो गई है। जनसाधारण की समस्याओं को वोट बैंक के आधार पर देखा जाता है । वोट प्राप्त करने हेतु लुभावनी घोषणाऐं करने का प्रचलन बन गया है। सरकार विरोधी आवाजों को उनके मूल में ही दबा दिया जाता है। जिसके लिए वर्तमान सरकार ने अंध भक्तों की एक फौज खड़ी कर ली है। जो अपने क्षेत्रीय प्रभाव एवं बाहुबल से विरोध को दबाने में सक्रिय भूमिका निभाती है। स्वार्थपरक राजनीति में सत्ता पद लोलुपता व्याप्त है। जिसमें जनता के हितों के स्थान पर राजनैतिक हित सर्वोपरि है।
जनता एक मूकदर्शक की भांंति यह सब कुछ झेलने के लिए बाध्य होकर रह गई है।
धन्यवाद !
धन्यवाद रीतू जी! आपने अपनी राय देकर मुझे आत्मबल प्रदान किया है, आभार।
धन्यवाद श्रीमान चतुर्वेदी जी! महंगाई को समय के साथ कनेक्ट करने के लिए! किंतु हर किसी की आय सामान्य जरुरतों को पूरा करने में असफल हो रही है, जिसका ख्याल लोककल्याण के लिए चुने जाने वालों को रखना था लेकिन उनकी प्राथमिकता कहीं और ही है।
बिलकुल सही कहा आपने
धन्यवाद राजेश व्यास जी!समानुकूल विचार प्रकट करने के लिए आभार।
महंगा महंगा सब कुछ महंगा। बहुत सुंदर लेख सद विचारों को नमन!!
आपको सादर नमस्कार सर, सही बात है। मंहगाई को कोई नहीं रोक सकता, यह समय के साथ हमेशा से ही बढ़ती है, हां मंहगाई के नाम से जनता को बरगला या जाता है,जो होता है, होता रह
नव वर्ष कि हार्दिक शुभकामनाएं
मेरी रचना कोरोना का अवलोकन कर वोट करे?