Comments (9)
28 Nov 2020 11:21 AM
आम आदमी की दिनचर्या ही यही है!
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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29 Nov 2020 09:09 AM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
27 Nov 2020 11:36 AM
अति सुन्दर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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27 Nov 2020 12:07 PM
आपको सादर अभिवादन धन्यवाद सर
27 Nov 2020 10:10 AM
बहुत सुंदर लिखा है ।
मन माया में ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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27 Nov 2020 11:27 AM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
27 Nov 2020 09:38 AM
यह मानव का स्वभाव है हम अधिक से अधिक पाने के लोभ में पड़े रहते हैं, शायद इसी को मृगतृष्णा इसीलिए कहते हैं! मानवीय संवेदनाओं और आकांक्षाओं को परिभाषित किया गया है,सादर प्रणाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
27 Nov 2020 11:28 AM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
अति सुन्दर प्रस्तुति..सर जी!