Comments (4)
23 Nov 2020 11:15 AM
एक जीवन चक्र, अमूल्य धरोहर को पाने के लिए और फिर उसके उपयोग को उपभोग में परिवर्तित कर पुनः उसी चक्र में विचरण करने पर रचित उक्त रचना के आयाम भी अनमोल हैं,सादर अभिवादन एवं शुभकामनाएं!
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
23 Nov 2020 12:07 PM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
अतिसुंदर हीरे के अन्तर्यथार्थ के मर्म की प्रस्तुति।
धन्यवाद !
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर