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नज़्ज़ारा -ए -जमाल से जन्नत है ज़िंदगी , वो रू-ब-रू नही तो क़ियामत है ज़िंदगी , हरचंद एक ज़िंदा हकीकत है ज़िंदगी , लेकिन बस इक निगाह की क़ीमत है ज़िंदगी ,
श़ुक्रिया !
नज़्ज़ारा -ए -जमाल से जन्नत है ज़िंदगी ,
वो रू-ब-रू नही तो क़ियामत है ज़िंदगी ,
हरचंद एक ज़िंदा हकीकत है ज़िंदगी ,
लेकिन बस इक निगाह की क़ीमत है ज़िंदगी ,
श़ुक्रिया !