Comments (6)
11 Sep 2020 11:54 PM
आज के दौर की हक़ीक़त बयांँ करती बेहतऱीन पेश़कश।
श़ुक्रिया !
अरशद रसूल बदायूंनी
Author
12 Sep 2020 01:29 AM
आभार
11 Sep 2020 11:42 PM
बहुत सुंदर सर
अरशद रसूल बदायूंनी
Author
11 Sep 2020 11:44 PM
जी बहुत-बहुत धन्यवाद
आपके द्वारा लिखे गए को जितना समझ पाया हूं, उससे यह तो महसूस किया है कि, वर्तमान परिवेश में स्वंय को,सहज नहीं पा रहे हैं! इतना जरूर कहूंगा कि अधिकांश लोग बहुत अच्छे हैं और वह अपनी दिनचर्या में इतना मसगूल है कि दूसरे के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं है,कम ही है जो थोड़ी बहुत मतभिन्नता रखतें हैं, इस लिए उदाश होने की आवश्यकता नहीं प्रतीत होती! आशा अपने लेखन को जारी रखते हुए, रचनात्मक दृष्टि कोण के साथ आगे बढ़ेंगे!सस्नेह अभिवादन
आभार आपका