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सर्वप्रथम आपको और आपकी कलम को प्रणाम । यथार्थवादी चिंतन ।

25 Aug 2020 09:09 PM

धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, आपकी पारखी नजरों में यह रचना स्थान बना सकी है से संतुष्टि प्राप्त हुई हैं, वर्तमान में जो व्यक्ति केन्द्रित राजनीति हो रही है, उसमें लोग प्रसस्तिगान करने में जुटे हैं, और जन सरोकारों से विमुख, ऐसे में हमसे जो बन सकता है हमें करने का प्रयास करना चाहिए, ऐसा मेरा मानना है,सादर अभिवादन।

25 Aug 2020 09:04 PM

धन्यवाद श्रीमान चतुर्वेदी जी, आपके विश्लेषण से प्ररेणा प्राप्त होती है, सादर प्रणाम।

वर्तमान मीडिया और शासन व्यवस्था पर कटाक्ष करती हुई सुंदर प्रस्तुति।
लाशों पर राजनीति करने की राजनीतिक पार्टियों की कुत्सित मंतव्य युक्त प्रवृत्ति एवं उनसे संबद्ध मीडिया द्वारा जोर शोर से दैनिक प्रसारण देश में फैली घटिया मनोवृत्ति का परिचायक है। देश की ज्वलंत समस्याओं पर ध्यान न देकर जनता का ध्यान भटकाने की राजनीति देश को गर्त में ले जाने की स्थिति का सूचक है।

धन्यवाद !

बहुत ही सुंदर रचना,देश के मीडिया अखबार की हकीकत बयान करती। आपको सादर नमस्कार।

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