Comments (12)
25 Aug 2020 01:58 PM
मन की मृगतृष्णा का सुन्दर भाव ।
नमन सहित बधाई सर जी ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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25 Aug 2020 05:53 PM
आपका हृदय से आभार, आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
25 Aug 2020 11:34 AM
Vr nice sir ???
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
25 Aug 2020 12:04 PM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद आपको
25 Aug 2020 09:24 AM
अतिसुंदर व्यंगपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
25 Aug 2020 09:36 AM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
25 Aug 2020 08:57 AM
बहुत खूब ,कोरोना लोगों के पैरों में अदृश्य बेरी बांध कर पंगु बना दिया है ।
धन्यवाद !
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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25 Aug 2020 09:14 AM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद
दैनिक दिनचर्या को साकार रूप में शब्दों में ढालकर वह सब कुछ कह दिया है जिसे हर दिन हर कोई महसूस तो करता है किन्तु अभिव्यक्त नहीं कर पाता, बहुत शानदार रचना है, श्रीमान चतुर्वेदी जी,सादर प्रणाम।
आपको सादर प्रणाम, आपका हृदय से आभार, धन्यवाद सर।