Comments (3)
सालिक गणवीर
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23 Aug 2020 06:18 PM
आदरणीय श्याम सुंदर जी
सादर अभिवादन
सराहना के लिए ह्रदय तल से धन्यवाद, मुहतरम.
23 Aug 2020 08:15 AM
वाह ! बहुत खूब !
खुश़ाम़दीद !
बहुत सुन्दर ग़ज़ल सालिक जी .. शुभकामनाएँ?
मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?